मी या ब्लोगवर फक्त मराठी साहित्य ठेवनार होतो.
पण या ओळी आवडल्या आणि येथे ठेवाव्या वाटल्या
जब भी किसीको करीब पाया है
कसम खुदा की वही धोखा खाया है
क्यो दोष देते है हम काटॊं को
जख्म तो हमने फुलोंसे पाया है
आंखे खुली हो तो चेहरा तुम्हारा हो,
आंखे बंद हो तो सपना तुम्हारा हो,
मुझे मौत का ड़र भी ना हो,
अगर कफन की जगह, दुपट्टा तुम्हारा हो
रात भी ढल गयी है..
दिन तो गुजर गये युं ही,
कोशीश तो बहोत की दिल ने
पर जुबांपे बात रहे गयी युं ही
युं तो कोई तनहा नहीं होता,
चाह कर भी कोई जुदा नही होता,
मोहब्बत को तो मजबुरीयां ही ले डुबती है,
वरना खुशीं से कोइ बेवफा नही होता
अश्कोंको हमने कई बार रोका,
फिर भी जाने क्यों आंखे धोका दे गयी,
भरोंसा तो था हमें अपने आप पर मगर,
उनकी यांद आंतेही ना जाने क्युं पलकें नम हो गयी
साथ हमारा पल भर का सही,
पर वोह पल जैसे कोई कल ही नही,
रहे जिंदगी मै शायद फिर मिलना हमारा,
लेकीन महकता रहेगा दिल मै हमेशा प्यार तुम्हारा
पण या ओळी आवडल्या आणि येथे ठेवाव्या वाटल्या
जब भी किसीको करीब पाया है
कसम खुदा की वही धोखा खाया है
क्यो दोष देते है हम काटॊं को
जख्म तो हमने फुलोंसे पाया है
आंखे खुली हो तो चेहरा तुम्हारा हो,
आंखे बंद हो तो सपना तुम्हारा हो,
मुझे मौत का ड़र भी ना हो,
अगर कफन की जगह, दुपट्टा तुम्हारा हो
रात भी ढल गयी है..
दिन तो गुजर गये युं ही,
कोशीश तो बहोत की दिल ने
पर जुबांपे बात रहे गयी युं ही
युं तो कोई तनहा नहीं होता,
चाह कर भी कोई जुदा नही होता,
मोहब्बत को तो मजबुरीयां ही ले डुबती है,
वरना खुशीं से कोइ बेवफा नही होता
अश्कोंको हमने कई बार रोका,
फिर भी जाने क्यों आंखे धोका दे गयी,
भरोंसा तो था हमें अपने आप पर मगर,
उनकी यांद आंतेही ना जाने क्युं पलकें नम हो गयी
साथ हमारा पल भर का सही,
पर वोह पल जैसे कोई कल ही नही,
रहे जिंदगी मै शायद फिर मिलना हमारा,
लेकीन महकता रहेगा दिल मै हमेशा प्यार तुम्हारा
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